मुर्गा और वात दिग्दर्शक | THE ROOSTER AND THE WEATHERVANE
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                                    THE ROOSTER AND THE WEATHERVANE

Once upon a time, in a small village nestled in the rolling hills, stood a tall, weathered farmhouse. Atop its roof was a shiny copper weathervane, gracefully spinning in the wind. The villagers took pride in the weathervane, for it was a gift from the town’s founder, and had always accurately predicted the weather.

Nearby, in the farm’s coop, lived a proud rooster named Remy. Remy was known for his vibrant plumage and his extraordinary crow, which could be heard echoing throughout the valley.

One brisk morning, with the autumn leaves dancing in the wind, the weathervane pointed due west, heralding an imminent storm. Most villagers heeded the warning, but Remy, feeling indestructible, ignored the ominous sign and ventured far from the farm.

The storm arrived with fierce winds and torrential rains, turning the once tranquil valley upside down. Villagers huddled in their homes, while Remy was caught in the tempest, drenched and shivering.

Regaining his strength and composure, Remy realized the power of the weathervane’s wisdom. From that day forward, he made it his mission to ensure the villagers never missed the weathervane’s warnings again.

As seasons passed, Remy and the weatherane worked together. When the weathervane shifted, Remy’s piercing crows joined the symphony of wind, echoing the warning throughout the village. Respect and admiration grew for both Remy and the weathervane.

The duo’s harmony prevailed for many years, protecting the village from the wrath of unheeded weather warnings. In time, the tale of Remy and the weathervane intertwined like ivy, and their names became synonymous with the power of unity and attentiveness.

Moral: Everyone is unique and special.

एक बार की बात है, पहाड़ियों के बीच बसे एक छोटे से गाँव में, एक ऊँचा, पुराना फार्म हाउस था। इसकी छत के ऊपर एक चमकदार तांबे का वेदरवेन था, जो खूबसूरती से हवा में घूम रहा था। ग्रामीणों को वेदरवेन पर गर्व था, क्योंकि यह शहर के संस्थापक का एक उपहार था, और इसने हमेशा मौसम की सटीक भविष्यवाणी की थी।

पास ही, खेत के दड़बे में, रेमी नाम का एक घमंडी मुर्गा रहता था। रेमी अपने जीवंत पंखों और असाधारण आवाज के लिए जाना जाता था, जिसकी गूंज पूरी घाटी में सुनी जा सकती थी।

एक तेज़ सुबह, जब पतझड़ की पत्तियाँ हवा में नाच रही थीं, वेदरवेन पश्चिम की ओर इशारा कर रहा था, जो एक आसन्न तूफान का संकेत दे रहा था। अधिकांश ग्रामीणों ने चेतावनी पर ध्यान दिया, लेकिन रेमी ने अविनाशी महसूस करते हुए अशुभ संकेत को नजरअंदाज कर दिया और खेत से बहुत दूर चला गया।

भयंकर हवाओं और मूसलाधार बारिश के साथ आए तूफान ने कभी शांत रहने वाली घाटी को उलट-पलट कर रख दिया। ग्रामीण अपने घरों में दुबके हुए थे, जबकि रेमी तूफान में फंस गया था, भीग गया था और कांप रहा था।

अपनी ताकत और संयम को पुनः प्राप्त करते हुए, रेमी को वेदरवेन की बुद्धि की शक्ति का एहसास हुआ। उस दिन के बाद से, उन्होंने यह सुनिश्चित करना अपना मिशन बना लिया कि ग्रामीण फिर कभी वेदरवेन की चेतावनियों से न चूकें।

जैसे-जैसे सीज़न बीतते गए, रेमी और वेदरने ने एक साथ काम किया। जब वेदरवेन स्थानांतरित हुआ, रेमी के भेदी आवाज हवा की सिम्फनी में शामिल हो गए, जिससे पूरे गांव में चेतावनी गूंज उठी। रेमी और वेदरवेन दोनों के लिए सम्मान और प्रशंसा बढ़ी।

दोनों का सामंजस्य कई वर्षों तक कायम रहा, जिससे गाँव को मौसम की अनसुनी चेतावनियों के प्रकोप से बचाया गया। समय के साथ, रेमी और वेदरवेन की कहानी आइवी की तरह आपस में जुड़ गई और उनके नाम एकता और सावधानी की शक्ति का पर्याय बन गए।

शिक्षा: हर कोई अपने तरीकों में अद्वितीय है।
हर कोई अद्वितीय और विशेष है।
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